खुनी रात पिसाच की कहानि

                                               Horror story in hindi 





   आप देख रहे है भूतिया एहसास पूनम के साथ तो चलिए बढ़ते  हैं आज की कहानी की ओर दोस्तों  आज कल की दुनिया में पैरानॉर्मल एक्टिविटी जैसी चीजों का नाम सिर्फ नाम ही रह गया है। मगर जो लोग इन चीजों पर यकीन नहीं करते और इसका विरोध करते हैं तो उनके साथ कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं। जिनके बाद वह से उभर नहीं पाते। मैं आज आपको अरुणाचल प्रदेश में रहने वाले विक्रांत गुप्ता के साथ घटी एक कहानी के बारे में बताने जा रहा हूं। दोस्तों इस कहानी को आज भी स्थानीय लोग एक सच्चाई मानते हैं और उनका मानना है कि वास्तव में उनके साथ ऐसा हुआ था। दोस्तों आगे की कहानी मैं आपको विक्रांत के नजरिए से बताऊंगा। दोस्तों यह बात तब की है जब सर्दियों का मौसम था। दिसंबर के आसपास के इन दिनों में मैं रोजाना कोचिंग जाया करता था। सुबह करीब 10:00 बजे के आसपास मैं घर से निकलता था और शाम को 7:00 से 8:00 बजे के आसपास में वापस से अपने घर पहुंच जाता  और यही सिलसिला ऐसे ही चलता रहा, लेकिन एक दिन मेरा प्लान थोड़ा अलग हो गया। दरअसल उस दिन मुझे अपनी गर्लफ्रेंड को लेकर पिक्चर दिखाने के लिए जाना था तो ऐसे में मैंने अपने पापा से उनकी गाड़ी मांग ली। पापा ने भी मुझे मना नहीं किया क्योंकि मैं अपने घर का इकलौता बारिश हु और मेरे घर वालों ने मुझे बड़े लाड प्यार से पाला था तो ऐसे में पापा मुझे किसी भी चीज के लिए कभी मना ही नहीं करते थे। मगर जाते वक्त मेरे पापा ने कहा कि रात को गाड़ी ड्राइव मत करना। तुम अभी नए नए ड्राइवर हो और ऊपर से रास्ता भी थोड़ा खराब है। ऐसे में जरा संभलकर आना पापा की बातों को नजरअंदाज करते हुए मैं अपने घर से निकल गया और सीधा गुरुकृपा यूनिवर्सिटी के बगल में पढ़ने वाले कोचिंग के पास पहुंचा और वहां से अपनी गर्लफ्रेंड नीति । को बैठाकर वहां से रवाना हो गया। अब धीरे-धीरे टाइम भी बीतने लगा था और शाम का वक्त हो गया था। हम दोनों अभी भी कोचिंग से बहुत दूर थे। पहले तो मुझे उसे उसके गांव छोड़ना था।और फिर अपने घर जाना था और फिर उसके गांव और हमारे घर की दूरी बहुत ही ज्यादा थी। करीब मुझे 60 किलोमीटर का एरिया पार करना था तो ऐसी स्थिति में मुझे काफी समय लगने वाला था और ऊपर से मेरा कोई भी दोस्त मेरे साथ नहीं था तो ऐसे में मुझे घबराहट हो रही थी। लेकिन फिर मैंने रोड के ऊपर गाड़ी को भगाना शुरू कर दिया। मैं बस कुछ देर में ही पहुंचने वाला था। फिर जब मैंने घड़ी की तरफ देखा तो 6:30 बज रहे थे और मैं घर भी रात को 8:00 बजे के लगभग ही जाता था तो फिर मैंने गाड़ी की स्पीड को थोड़ा धीरे कर लिया। हालांकि इस समय ठंड बढ़ चुके थे और मुझे अपने हाथ पैर ठंडे महसूस होने लगे थे। जिस वजह से मैंने गाड़ी को चारों तरफ से बंद कर लिया था। फिर इसी बीच मुझे रास्ते के बगल में एक पानी पुरी वाला नजर आने लगा और उसे देख कर मैंने कार रोकी क्योंकि इस ठंड के अंदर मुझे पानी पूरी खाने का भी थोड़ा मन कर रहा था। फिर मैं गाड़ी से नीचे उतरा।सामने एक सफेद रंग का बोद् लगा हुआ था जिसके ऊपर हमारे गांव का नाम लिखा हुआ था और वह यहां से करीब 33 किलोमीटर दूर था। यानि की  33 किलोमीटर का सफर अभी भी बाकी था। फिर मैं उस पानी पुरी वाले के पास गया और उसके पास जाकर पानी पुरी खाने लगा। फिर बातों ही बातों में उस पानी पुरी वाले ने बताया कि अरे भाई साहब हम  अभी अपने धंधे को बंद करके निकलने वाले थे। कितने में तुम आ गए। वह क्या है कि रात को तो यहां से कोई गुजरता नहीं है। इसलिए हम निकालने वाले थे। अभी उसकी बात सुनकर मैं हैरानी  से बोल पड़ा। लेकिन रात को या फिर ऐसा क्या है। यहां से कोई ना गुजरता तो उसने बताया कि रात को यहां पर भूत का आतंक होता है। फिर मैंने उस पानीपुरी वाले की तरफ देखते हुए कहा, अरे भाई साहब आजकल कौन है जो इन सब चीजों पर यकीन करेगा। आप् भी क्या मजाक करते रहते हैं। इतना कहने के बाद मैंने उसे पैसे दिए और गाड़ी में बैठ गया। मैं अभी गाड़ी में बैठा ही था कि तभी उसने पीछे से आवाज दे तो कहा अरे बाबू साहेब कभी-कभी कुछ अनदेखी चीज आपके।पिछे पड़ जाती है तो फिर वह आपका पीछा नहीं छोड़ति तो जरा संभल कर जाना। इतना कहने के बाद उसने अपनी नजर को घुमा लिया। मगर मैंने भी उसकी बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और वहां से निकल पड़ा। अब मेरे दिमाग में यह बात एक बार तो चलि थी कि आखिर इस रास्ते पर इतनी जल्दी इतना सन्नाटा पसर क्यों जाता है।, फिर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया और ड्राइव करता रहा और गाड़ी को रफ्तार से चलाने लगा। तभी कुछ ऐसा हुआ जिसके बारे में मैंने अंदाजा भी नहीं लगाया था। दरअसल मैंने देखा कि सड़क के बगल में एक आदमी खड़ा था जिसके पैर पर बहुत ही ज्यादा चोट आई थी और खून भी निकल रहा था। वह मेरी गाड़ी के सामने से लिफ्ट मांग रहा था तो मैंने देखा कि वह आदमी थोड़ा संकट में है। फिर मैंने तुरंत ही अपनी गाड़ी का ब्रेक लगा दिया और गाड़ी का ब्रेक लगाते हि वह आदमी मेरे गाड़ी के कांच के सामने आकर खड़ा हो गया। अब उसकी स्थिति मुझे और भी ज्यादा खराब लग रही थी। उसकी सांसे तेज तेज फूल हुइ थी और वह कुछ कहने की कोशिश भी कर रहा था। कहीं ना कहीं मैं इस बात को अच्छी तरह से समझ गया था कि वह आदमी थोड़ी।मुसीबत में है इसलिए मैंने तुरंत अपनी गाड़ी का दरवाजा खोल दिया और उसके बाद मौका पाते ही वह आदमी मेरी गाड़ी के अंदर दाखिल हुआ और गाड़ी के अंदर बैठ गया फिर थोड़ी देर तक जोर-जोर से सांस लेने के बाद उस आदमी ने बताया कि उसकी हालत का जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि एक गाड़ी वाला था जो महज् कुछ सेकंड पहले ही उसे यहां पर ठोक कर चला गया। अब उसकी बाइक तो बगल वाली खाई के अंदर गिर चुकि थी तो उसे वापस लाना नामुमकिन है, लेकिन उसकी जान किसी तरह से बच गयी। यही काफी था। अब काफी बुरी हालत में था तो फिर मैंने उस आदमी से पूछा। भाई साहब, मैं आपको किसी अस्पताल में ले चलता हूं। हॉस्पिटल का नाम सुनते ही उसने मुझे घूरते हुए देखा और कहा तो मुझे किसी अस्पताल में मत ले चलो तो मुझे किसी तरह से मेरे घर छोड़ दो पर मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि इतना चोटिल होने के बाद भी वह अस्पताल में क्यों नहीं जा रहा था। मगर मैं उसकी जिद के ऊपर कुछ बोल नहीं पाया और फिर मैंने अपनी गाड़ी को उसी तरह चलाना शुरु कर दीया। जिस तरह वह मुझे लेकर जा रहा था। लगभग 10 से 15 मिनट बिट गए और उसके बाद हम एक सुनसान जगह पर पहुंच गए। दरअसल मैंने देखा कि यह रास्ता तो पहले वाले रास्ते से भी कहीं ज्यादा डरावना सा लग रहा था। रास्ते के दोनों तरफ एकदम खाली जगह थी और कोई जगह पट्टापू बने बैठे जहां पर कुछ लोग निवास करते हो। दिखने में वह जगह बहुत ही ज्यादा सुंन्सान् लग रहि थी और साथ ही साथ अंदर ही अंदर अंदर से भयबित कर देने वाली भी मगर में डरा  नहीं और गाड़ी को चलाता ही रहा। इतने में ही मेरे फोन की रिंग बजने लगी थी। जब मैंने फोन की ओर देखा तो मैंने पाया कि पापा का फोन आ रहा था। मैंने तुरंत ही फोन उठाया और पापा को सारी बात बता दी। पर मेरी बातों को सुनकर पापा भी समझ गए थे कि जरूर में किसी आदमी को मुसीबत से बाहर निकालने में लगा हुआ हूं तो उन्होंने मुझे यह बोलकर फोन काट दिया कि जल्दी से घर पर आ जाना। फिर जब मैंने उस आदमी की तरफ देखा तो मैंने पाया की वो।आदमी दर्द से मुक्त हो चुका था। ऐसा लग रहा था जैसे कि अब उसके शरीर की सारी चोट बिल्कुल ठीक हो चुकि थी। मानो से कुछ हुआ ही नहीं था। यह सब मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था। इसलिए मैंने उस आदमी से कहा भाई शाहब मुझे ऐसा क्यों लग रहा है जैसे कि आप के शरीर पर बिल्कुल कम चोट आई थी। अब मेरी बात सुनकर उस आदमी के चेहरे पर एक हल्की सी मुस्कान आ गई। पता नहीं क्यों लेकिन उसकी हल्की सी मुस्कान भी उस समय मेरे द्र्र् को  और भी ज्यादा बढ़ा रहि थी। पर मैं फिर भी अपने आप को संभाल कर बोला। वैसे भैया अभी तक आपका घर नहीं आया। आप कितनी दूर चलना है तभी उसने सामने की तरफ इशारा किया। वहां पर मुझे पुराने से खंडर पड़ी जगह पर कुछ ईट पत्थर नजर आ रहे थे और उन्हें देखते ही मैंने कहा, यहां पर आपका घर कैसे हो सकता है। यहां पर तो दूर-दूर तक कोई भी नहीं है। लेकिन अब उस आदमी ने मुझसे बात करना भी बंद कर दिया था। उसका नेचर बिगड़ चुका था। उसके व्यवहार को देखकर मुझे अजीब सा लग रहा था।तभी उसने मुझे गाड़ी रोकने को कहा। इस बार उसकी आवाज बहुत ही ज्यादा भारी हो गए थी और उसके सुनने से ही मेरे शरीर में सनसनी मच गई थी। फिर वह तुरंत ही गाड़ी से नीचे उतरा और बोला चलिए न भाई साहब एक कप चाय पी लेते हैं। उसके बाद चले जाना तो मैंने इस पर उसे मना कर दिया। उसने तुम्हारा से अपनी जिद की लेकिन फिर से मैंने मना कर दिया और तीसरी बार तो उसने हरि पार कर दी थी। उसने मुझे गुस्से से देखते हुए कहा जैसा कह रहा हूं, वैसा करो वरना तेरी जिंदगी यहीं पर खत्म कर दूंगा। अब यह सुनते ही मेरे हाथ-पैर फूल गए थे। मैं अंदर से पूरी तरह से कांप रहा था। लेकिन फिर भी मैंने उसे दिखावा करते हुए कहा अरे भाई साहब, आप भी अच्छा मजाक कर लेते हैं। जब मुझे लगा कि यह आदमी इतनी आसानी से नहीं मानेगा तो मैं तुरंत ही गाड़ी से नीचे उतर गया। हालांकि मुझे उस आदमी का वृताव काफी अजीब लग रहा था और साथ ही मुझे उससे डर भी लग रहा था। लेकिन उसके डर की वजह से ही मुझे नीचे उतरना पड़ा था। फिर मैं जैसे हि नीचे उतरा। तो मैंने देखा कि उसका घर बहुत ही पुराना सा लग रहा था। उसके घर के बाहर का दरवाजा भी टूटा फूटा था तो मैं तुरंत उस आदमी के पीछे पीछे इसके मकान के अंदर चला गया और पहली बार जैसी में उस मकान के अंदर कदम रखा तो मेरा मुंह मकड़ियों के जाले से भर गया और मैं जोर-जोर से खांसी लेने लगा। कहीं ना कहीं मैं समझ गया था कि मैं गलत जगह पर फंस गया हूं और इसलिए मैंने उस आदमी से कहा, भाई साहब, मैं जरा 2 मिनट में आता हूं। मैंने अभी इतना कहा ही था कि तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा और फिर मुझे शोर से घसीट लिया तो मैं लड़खड़ाते हुए एक बार के लिए पत्थर से जा टकराया और फिर अंदर की तरफ जाकर गिरा। मुझे इतना तो एहसास हो गया था कि मे उस मकान के अंदर आ गया हो और मुझे और भी ज्यादा घबराहट हो रही थी। पता नहीं वह आदमी किस टाइप का था। बार-बार मुझे अजीब तरह से घूरता और मेरे साथ अजीब तरह का व्यवहार करता। इतना तो साफ हो चुका था कि उसके शरीर पर कहीं भी खरोच नही थी और सारा का सारा। उसका बिछाया हुआ 1 जाल था।मैं मैं बुरी तरह से फंस गया था तभी उस आदमी ने कहा, चुपचाप उस टेबल पर बैठ जाओ। मैंने अपनी आंखें खोल कर देखा तो मैंने पाया कि वहां पर एक लालटेन की रोशनी जल रही थी और चारों तरफ जानवरों की हड्डियां बिख्रि हुई थी। मुझे वहां पर कुछ इंसान ही टाइप की खोपड़ी भी दिखाई दे रहि थी। पर अब मुझे समझ में नहीं आ रहा था। यह सब असली है या फिर नकली मेरी सांसें तेज़ होने लगी थी और मुझे उस आदमी से बहुत ही ज्यादा डर लग रहा था। फिर मैंने उस आदमी की तरफ दबी हई जुबान में कहा, भाई साहब, यह सब क्या है। मेरा यह सवाल सुनते हैं। उस आदमी के चेहरे पर मुस्कान आ गई और उसने कहा, तुम्हारी मौत का गेम दोस्तो  उसके मुंह से बस यह तीन चार शब्द ही निकले थे तो उसके बाद को खामोश हो गया और उसके बगल में पदि हुयी लालटेन की रोशनी हिलने दुलने लगी थी। ऐसा लग रहा था कि यह रोशनी भी अब भुजने  वाली है। इससे पहले ही मैंने हिम्मत दिखाई और उसके बाद में दुम दबा कर वहां से भागने लगा।मे सीधा अपने गाडी के पास आया और दरवाजे खोलकर गाड़ी के अंदर दाखिल हो गया। तभी मैंने सोचा कि मैं जितना जल्दी हो सके, यहां से निकल जाऊंगा। लेकिन जैसे मैंने गाड़ी को स्टार्ट करने की कोशिश की तो मेने पाया की गाडी चाबी तो उसी मकान के अंदर रह गई थी। अब यह देख कर एक बार के लिए तो मेरा दिमाग खराब हो गया था। पर मेरे पास इतना समय नहीं था कि मैं यहां पर रुक कर अपनी किस्मत कोसु  तो मैंने तुरंत ही वहां से भागना शुरू कर दिया। मैं गाड़ी से उतरकर उसी रास्ते से भागने लगा था। जिस रास्ते से हम यहां पर आए थे, लेकिन हैरानी तो इस बात की थी कि भागते भागते में काफी दूर आ गया था, लेकिन एक बार भी मुझे इस तरह का एहसास नहीं हुआ जैसे कि कोई मेरे पीछे भाग रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे कि उस आदमी को मुझसे कोई मतलब ही नहीं था। थोड़ी दूर और आकर आ जाने के बाद मैं एक मोड़ पर पहुंचा और उस मोड़ के बाद यहां से रास्ता करीब 2 किलोमीटर आगे था और वहां जाकर ही।1 गवर्नमेंट स्कूल के पास पहुंच जाता है। वह गवर्नमेंट स्कूल इस रास्ते से थोड़ा आगे ही था और वहीं पर एक छोटा सा कस्बा भी पड़ता था बीच-बीच में छोटे-छोटे टापू भी थे, लेकिन मैंने इतनी रात को उन टापू के अंदर जाने ठीक नहीं समझा क्योंकि इतनी रात को अगर मैं किसी टापू में घुस गया तो फिर मेरे ऊपर मारपीट भी हो सकति थी। एक बार के लिए जब मैंने समय देखने की कोशिश की तो मैंने पाए की। इस समय रात के 11:00 बज रहे थे और इसी बीच मैंने अपने पापा को फोन लगाने की कोशिश की क्योंकि मैंने पहले जब फोन करने की कोशिश की थी तो मेरे फोन में नेटवर्क नहीं था। मगर इस बार  परंतु फोन लग गया और फोन लगाते हि। मेरे पापा को एक-एक करके सारी बात बता दी। तभी मुझे ऐसा लगा जैसे कोई गाड़ी मेरा पीछा कर रही है। जब मैंने पलट कर देखा तो मेने पाया की यह तो मेरी ही वाली गाड़ी थी। अब यह देखकर मेरे होश उड़ गए। मैं इतना तो समझ गया था।की यह सब इस आदमी किया धरा है फिर। इतने में ही वह गाड़ी मेरे बगल से हो तो आगे जाकर रुक गए और उसका दरवाजा खुला तो मैंने देखा कि गाडी के अंदर कोई नहीं था। तभी मेरे पीछे से आवाज आई। इतनी जल्दी कहां भाग रहे बाबू साहब जैसे मैंने पीछे पलट कर देखा तो मैंने पाया कि 6 फुट का एक लंबा कद काठी का आदमी मेरे पीछे खड़ा है। यह कोई और नहीं बल्कि वही आदमी था, लेकिन इस बार इसका पूरा हुलिया बदला हुआ था। उसके दात  बढ़े बढ़े थे और उसके हाथों के नाखून में खून लगा हुआ था और यह नजारा मेरी जिंदगी का सबसे खौफनाक नजारा था। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मुझे क्या करना चाहिए। फिर उसके बाद जब मुझे कुछ नहीं सूझा तो मैंने फिर से दुम दबाकर भागना शुरू कर दिया। मैं रास्ते के ऊपर लगातार भागता जा रहा था और उस रास्ते में मुझे सड़क के ऊपर पड़ी छोटी-छोटी लकड़ी नजर नहीं आ रहि थी। जिस वजह से मेरे पैरों में चोट लग गई थी। मैं अपनी जान बचाकर भागता रहा। और फिर कुछ देर के बाद मैं 1 सरकारी स्कूल के पास पहुंच गया और वहां पर पहुंचते हि मेरे पापा की गाड़ी मेरे सामने आ गई , पर मुझे नहीं मालूम कि अब मेरी गाड़ी कहां पर गायब हो गयि थी लेकिन वह आदमी जरूर मेरे पीछे ही था। जैसे ही कार के हेडलाइट इधर आइ तो मैंने देखा कि वह आदमी भी अब एकदम से गायब हो चुका था। उसके बाद में जल्दी से अपने पापा के पास गया तो उन्होंने देखा कि मेरी हालत बहुत ही ज्यादा खराब थी और मेरे पैर और बाकी जिस्म के ऊपर भी काफी चोट आ गई थी तो उन्होंने मुझे जल्दी से गाड़ी में बिठाया और फिर वहां से सीधे हॉस्पिटल ले गए। अस्पताल में मुझे पट्टी करवायि और वह अस्पताल में रहने वाले 1 गार्ड  को हमने पूरी बात बताई तो उसने बताया कि उस रास्ते के ऊपर कुछ साल पहले एक आदमी रहता था और उस आदमी का घर परिवार, बेरोजगारी  और बीमारी के चलते संकट में पड़ गया और सभी लोग भूख के मारे मर गए तब से वह आदमी।उसी रास्ते पर भटकता है और आने जाने वाले लोगों को बेवकूफ बनाकर अपने साथ ले जाता है और उनेह काटकर खा लेता है अब वह एक पिसाच बन चुका है ओर अपने एरिया मे आने वाले किसी भी इंसान को जिंदा नही छोड़ता दोस्तों यह सब सुनकर मेरे पेरो तले जमीन खिसक गयी फिर उस गार्ड ने बताया की उसके चंगुल से बच पना ना मुमकिन जैसा है लेकिन आप की किस्मत बहुत अच्छी है जो आप व्हा से बचकर निकल गये तो दोस्तों इस कहनी मे बस इतना हि कहानी आपको पसंद आयी हों तो वीडियो को लाइक चैनल को सब्स्करीब जरूर

Darawni Horror stories in hindi kahaniya

            NH 112 पर आज भी इस तांगेवाली का आतंक सर चढ़कर बोलता है 

                    




देख रहे हैं भूतिया एहसाह् दिवाकर के साथ तो चलिए बढ़ते  हैं। आज की कहानी की और दोस्तों मुझे ठीक से तो याद नहीं है, लेकिन उस वक्त रात के तकरीबन 8:15 बज रहे थे। चारों तरफ पूरी तरह से अंधेरा हो गया था। इस समय में मुकुंदगढ़ की एक छोटी सी गली में खड़ा था। हुआ कुछ यूं था कि उस दिन मैं अपनी आर्मी की भर्ती में जाकर वापस से घर लौट रहा था और मेरे सारे साथ ही लोग पहले ही निकल चुके थे। ऐसे में मैं अकेला ही रह गया था। मैं चाहता तो पहले ही निकल जाता लेकिन किसी पर्सनल कारण के चलते मुझे बगल वाले गांव में जाना पड़ गया था। उसके बाद में रात के करीबन 8:15 बजे के आसपास टैक्सी स्टैंड पर आ गया। दरअसल मैंने देखा कि उस टैक्सी स्टैंड के पास मुझे एक भी ऑटो नजर नहीं आ रहा था। ऐसे में मैं वहीं पर रखी हुई एक टेबल पर जाकर बैठ गया और किसी साधन के आने का वेट करने लगा। टाइम बितता गया?उसके साथ ही मेरी उम्मीद  अब कम होती जा रही थी क्योंकि मुझे कोई भी टैक्सी वाला वहां पर दिखाई नहीं पड़ रहा था। ऊपर से बारिश ने भी मुसीबत में बाधा बनना शुरू कर दिया था। हल्की हल्की बारिश के चलते अब मेरे कपड़े भी गिले होने लगे थे। अब समय लगभग 9:30 बजे के आसपास हो गया था और हैरानी तो इस बात की थी। इस टैक्सी स्टैंड पर मैंने अभी तक कोई भी टैक्सी  नहीं देखी थी। तभी मैंने देखा कि मुझे उस टैक्सी स्टैंड के पास एक आदमी छाता लिए हुए अपनी तरफ आता हुआ  नजर आने लगा। उस आदमी ने पूरी की पूरी ड्रेस सफेद रंग की पहन रखी थी। उस आदमी को देखकर मेरी जान में जान आई क्योंकि इस टैक्सी स्टैंड पर बैठे-बैठे मुझे तो यही लग रहा था कि ये टैक्सी स्टैंड टैक्सी स्टैंड से कम और खामोशी का मोहल्ला ज्यादा लग रहा है। फिर वह आदमी मेरे पास आ गया। जैसे ही वह मेरे पास आया तो मैंने देखा कि उसने अपना चेहरा अपने ही सफेद रुमाल से ढक के रखा हुआ था वह।मेरे पास आया और उसने कहा भाई साहब, यहां पर अभी कोई टैक्स आएगी। क्या तो इस पर मैंने उसे बताया कि मैं भी खुद ही यहां पर टैक्सी को ढूंढ ढूंढ के परेशान हो गया हूं, लेकिन मुझे भी कोई टेक्सी  नहीं मिल रही है। जैसे उसने यह सुना है तो उसने अपनी गर्दन हिलाई और उसके बाद वह बोल पड़ा। यहां से 2 किलोमीटर आगे सस्ता बाजार पड़ता है और सस्ते बाजार में हमें कोई ना कोई टैक्सी तो मिल ही जाएगी। लेकिन वहां तक हमें पैदल ही निकलना होगा। अब उस आदमी की बात सुनकर मैं पहले तो दो पल के लिए सोचता रहा है। फिर जब मैंने उसे स्टैंड की खामोशी को महसूस किया तो मुझे लगा कि मुझे उस आदमी के साथ उसी तरफ निकल जाना चाहिए क्योंकि अब बारिश ने सफर के अंदर बाधा डालना शुरू कर दिया था। उसके बाद में उस आदमी के साथ निकल पड़ा। अब हम दोनों सबसे पहले उस टैक्सी स्टैंड से बाहर आए।तो तो मैंने देखा कि हम एक सुनसान रोड पर आ गए थे। उसके बाद उस आदमी ने मुझे अपने पीछे पीछे आने का इशारा किया। मैं उस आदमी से बात करना चाहता था, लेकिन ऐसा लग रहा था जैसे वह मुझसे बात करने के मूड में नहीं था। उसने अपनी छाती को बंद कर लिया था। लगभग 15 मिनट बीतने के बाद अब हम दोनों एक इलाके में पहुंच गए। वहां पर मुझे कुछ टूटे-फूटे मकान नजर आ रहे थे और ब्न्जर् सी पड़ी हुई जमीन भी दिखाई दे रहि थी। सच कहूं तो यहां तो उस टैक्सी स्टैंड से भी ज्यादा सन्नाटा पसरा हुआ था, लेकिन जैसे ही हम दोनों ने एक दरवाजे पर दस्तक दी तो मैंने देखा कि उसके अंदर बहुत सारी दुकानें खुली हुई थी और उनके सामने कुछ लोग बैठे हुए थे और अपने सामान की बिक्री कर रहे थे। उन लोगों को देखकर मुझे काफी अजीब सा लग रहा था। इतने लोग होने के बावजूद भी उस जगह पर इतना ज्यादा शोर शराबा नहीं था और ऊपर से ऐसा ही लग रहा था कि यहां पर किसी आदमी की मौत हो गई है जिसकी वजह। वैसे यह लोग यहां पर शोक मना रहे हैं। फिर वह आदमी मुझे वहां से बाहर ले गया और फिर हम दोनों एक रेड़ी के सामने पहुंचे तो मैंने देखा कि वहां पर उसे रेडी के ऊपर मुझे कुछ काजु पड़े हुए नजर आ रहे थे। सामान को देखकर मुझे लगा कि यहां का सस्ता सामान मुझे भी खरीद लेना चाहिए। इसलिए मैं सीधा उस रेडी वाले के पास गया तो मेरे साथ साथ वह आदमी भी उस रेडी के सामने आ गया था। जैसे ही मैंने उस आदमी से पूछा कि की आखिरी एक काजु तुमने कैसे दिया है तो उसने मुझे बहुत ही कम पैसे बताए। लेकिन इसी बीच में कुछ ऐसा देखा जिसे देखने के बाद मेरे पूरे शरीर में झुनझुनी सी महसूस हुई। दरअसल मैंने देखा कि जो आदमी काजू बेच रहा था, वह कोई नॉर्मल आदमी नहीं था। उसके पांव पीछे की तरफ घूम हुए थे। अब एक पल के लिए तो मैं घबरा गया था लेकिन इस समय में उस आदमी को जताना नहीं चाहता था कि मैं उसकी वास्तविकता को पहचान गया हूं। इसलिए मैंने अपने आप को शांत रखा  और उसके बाद में वहां से पीछे। की तरफ पलटने लगा। दर्शल् मेने उस रेडी वाले आदमी को यह बोल दिया था कि इस समय मेरे पास पैसे नहीं है और मैं इस सामान को बाद में खरीद लूंगा और फिर जैसे में पीछे कि तरफ आया तब उस सफेद रंग की ड्रेस पहने आदमी मेरे बगल में आकर बोला, मुझे तो लगा था। तुम सामान खरीदने वाले हो लेकिन कोई बात नहीं। तुमने अच्छा किया ना जाने वह सफेद कपड़े वाला आदमी बार-बार मुझे ऐसी कौन सी बात कह देता था जिसकी गहराई तक जाने के लिए मुझे बहुत समय लगता था। साथ ही उसकी हर एक बात के अंदर एक अजीब सा रहस्य छुपा हुआ होता था। तभी उस आदमी ने कहा वो सामने देखो एक तांगे वाला खड़ा है। अभी ये सुनते ही जब मैंने सामने की ओर देखा तो मैंने पाया कि वहां पर एक तांगे वाला था, लेकिन मेरी नजर बार-बार उसी रेडी वाले की तरफ जा रहि थी उस लेडी वाले से इस कदर डर गया था कि मेरी नजर उसके ऊपर से हटने का नाम ही नहीं ले रहि थी। तभी उस सफेद रंग के कपड़े पहने।हुये उस आदमी ने मुझसे कहा कि चिंता मत करो। यहां पर इस तरह की चीजों का देखना हम बात है और अभी तो तुम्हारा सफर शुरू हुआ है। इतना कहने के बाद वह फिर से अपनी खामोशी वाले अंदाज में रास्ते पर् तेज तेज चलने लगा अब तक मेरी धड़कनें भी तेज गति से धडकने  लगी थी लेकिन जब मैं उसे रेडी से थोड़ी दूर आ गया था तब जाकर मुझे काफी हद तक थोड़ी राहत मिली। इसी बीच हम दोनों उस स्तांगे के पास पहुंच गए और जैसे हि हम वहां पर पहुंचे तो हमने देखा कि हमे वहां पर एक तांगा खंडा हुआ नजर आ रहा था और उसके ऊपर कोई बैठा हुआ था। जो गाने गुनगुना रहा था। फिर मैं सीधा उसके पास गया तो मैंने देखा कि वह एक महिला थी। अंधेरी रात होने की वजह से मुझे उसका चेहरा ठीक से नजर तो नहीं आ रहा था, लेकिन मैं इस बात का अंदाजा अच्छी तरह से लगा सकता था कि वह एक महिला ही थी। हालांकि उस समय मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि एक महिला इतनी रात को यहां पर टांगा कैसे चला सकति थी। खेर मुझे भी इस चीज से कुछ ज्यादा मतलब नहीं था। इसलिए मैंने मतलब की बातें रखते हुए कहा, क्या आप हमें आगे पिपराली स्टैंड तक छोड़ देंगि। मेरी बात सुनते हैं। उसने हम दोनो को पीछे बैठने का इशारा किया और जैसी में पीछे की तरफ घुमा तो मैंने देखा कि वह आदमी तो पहले।हि उस टांगे के अंदर बैठ चुका था। यह मेरे लिए थोड़ा अजीब था, मगर मैंने इसके ऊपर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और फिर मैं भी उसी के अंदर जाकर बैठ गया। उसके अंदर बैठने के बाद जब मैं उस आदमी से उसका नाम और उसके काम के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह एक तांगा चलाने का काम करता है और उसका नाम निलेश है। पर मैं और भी बहुत सारी बातें उस आदमी से करना चाहता था। लेकिन तभी उस आदमी ने मुझसे कहा कि कि तुम उसका काजू वाले से यु घबराए हुए क्यू थे और जैसे उस आदमी ने मुझे यह बात याद दिलाई तो फिर से मेरे पूरे बदन में एक सनसनी से मच गयि तभी उसने कहा कि वह देखो वह काजूवाला अभी भी तुम्हारे पीछे ही आ रहा है। जैसे मैंने उस तरफ देखा तो मेरे हाथ पैर थर थर कांपने लगे थे। दरअसल मैंने देखा कि वह कांजु वाला आदमी अपने सर पर एक टोकरी लिए मेरे पीछे आ रहा था। दिखने में तो ऐसा लग रहा था जैसे कि वह सड़क पर बड़े आराम से चल रहा था लेकिन जब मैंने तांगे की स्पीड को देखा।तो मैंने पाया कि वह बहुत ही रफ्तार से भाग रहा था। एक तरफ काजूवाला भूत बड़े आराम से चलकर भी हमारे पीछे पीछे आ रहा था और उसके और टांगे के बीच में अब ज्यादा कुछ दूर ही नहीं थी। तभी मैंने सामने की तरफ बैठे। उस महिला से कहा, आप तांगा थोड़ा तेज चलाइए। मैंने इतना कहा ही था कि इतने में मैंने देखा कि उस टांगे को चलाने वाला तो वहां पर कोई बैठा ही नहीं था। अब यह देखकर मैं तो सद्  में मैं आ गया था। मैं हैरानी भरी नजरों से इधर-उधर देखने की कोशिश कर रहा था। पहले तो मुझे लगा की शायद अंधेरे में मुझे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। लेकिन फिर यह बात बिल्कुल साफ हो गई थी। की इस समय तांगा बिना ड्राइवर के चल रहा था और तभी मेरी नजर पीछे की तरफ गई  तो मैंने देखा कि पीछे की तरफ से किसी की बात करने की आवाज आ रही थी और जैसे मैं पीछे मुड़ा तो मैंने देखा कि यह कोई और नहीं बल्कि वह इस सफेद रंग की ड्रेस पहने आदमी था और उस तांगे को चलाने वाली  महिला थी और वह दोनों पीछे की तरफ बैठे हुए थे और वह आपस में कुछ बातें भी कर रहे।थे उन दोनों के एक साथ देकर मेरी तो रूह काप् उठी थी तभी मैंने देखा कि वह काजूवाला प्रेत भी अब बहुत ही पास आ गया था और वह उन दोनों को मुस्कुराते हुए देख रहा था। अब यह सब देखकर मैं तो सदमे में आ गया था और अब मुझे पूरी तरह से विश्वास हो गया था कि मैं भूतों की बस्ती के बीच में फस गया हूं और यह लोग मुझे अब इतनी आसानी से नहीं छोड़ने वाले तभी मैंने उस आदमी से कहा कौन हो। तुम और मुझे यहां पर क्यों लेकर आए हो, लेकिन उस आदमी ने मेरी बात का कोई भी जवाब नहीं दिया। वह उस महिला से बात किये जा रहा था। तभी मैंने देखा कि वहां से थोड़ी दूर आगे सड़क से सटा हुआ। मुझे मिट्टी का एक छोटा सा टीला नजर आ रहा था। फिर मैं मौका पाते ही तुरंत उस तांगे से नीचे कूद गया और जैसे मैं नीचे कूदा तो मैंने देखा कि उन दोनों के पांव भी बिल्कुल उसी काजु वाले भूत की तरह पीछे की तरफ मुड़े हुए थे और यह देखकर मेरे तो पसीने छूटने लगे। वहां से मुझे एक कच्चा रास्ता दिखाई पड़ रहा था बस फिर।क्या था मैं उसी रास्ते की तरफ सत्पत्।भागना शुरू कर दिया क्योंकि यहां तो मैं पूरी तरह भूतो के बीच में फस गया था। उस रास्ते पर भागते भागते। अब मैं खेतों के बीच में आ गया था और वहां पर मुझे सिंचाई नल के चलने की आवाज साफ साफ सुनाई दे रही थी। फिर भी मैं बार-बार पीछे की तरफ घूम कर देख लेता। लेकिन अब मुझे पीछे की ओर कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था। फिर थोड़ी दूर आकर मुझे एक आदमी एक खेत के सामने लकड़ी का दरवाजा बंद करते हुए दिखा। ओर मे उस आदमी को देखकर मैं सीधा उसके पास चला गया और जब उसने मेरी हालत देखी तो कहीं ना कहीं वह इस बात को समझ गया था कि मैं बहुत ही बड़ी मुसीबत से बचकर आया। तभी उस आदमी ने कहा भाई साहब, इस तरह से क्यों डरे हुए हो उसके बाद में उस आदमी को विस्तार से पूरी बात बताई। मेरी बात सुनते उस आदमी ने कहा, अरे वाह साहब आप तो फालतू में डर रहे हो। दर्शल् वो को एक परिवार है और वह किसी को नुकसान नही पहुंचाता है। वह जो सफेद रंग के कपड़े पहने वाला आदमी जो आपको यहां पर लेकर आया था, वह आपको आप के भले के लिए लेकर आया था और वह काजु वाला आदमी भी उसी की फैमिली का मेंबर है।जो अपने काजू को बेचने के लिए आपके पीछे चलाया था और आप जिस महिला की बात कर रहे हो, वह भी सफेद कपड़े वाले भूत की वाइफ है। दोस्तों आज तो मुझे ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने मुझे पहेलियों में फंसा दिया था। उसके बाद उसने बताया कि वह लोग तांगा चलाने का और साथ ही खेती का भी काम किया करते थे, लेकिन पर एक दिन उसके पूरे परिवार के साथ एक रोड हादसा हो गया। जिसके अंदर उन चारों लोगों की मौत हो गई थी और फिर उसने आगे बताया कि मैं जिस टैक्सी से चलकर आया हूं वहीं से थोड़ा आगे उनका घर है और वह आदमी रात को रोजाना उस टैक्सी स्टैंड से यहां तक आता है पर उन लोगों ने आज तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया, लेकिन उनका डर इस कदर हावी है कि लोग उस टैक्सी स्टैंड पर नजर भी नहीं आते। फिर उसके बाद वह आदमी मुझे वहां से अपने खेत में मौजूद झोपड़ी में ले गया और वहां पर ले जाने के बाद उसने मुझे रात में आराम करने का सुझाव दिया। मैं आराम से लेट तो गया था, लेकिन अभी भी मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही थी कि आखिर उसके परिवार में वह चार मेँब्र्र्। कौन थे इस बीच कब् मेरी आंख लग गई, मुझे पता ही नहीं चला और फिर जब सुबह मेरी आंख खुलि तो मैंने देखा कि मैं सड़क के बगल में मौजूद कोई जगह पर लेटा हुआ था। यह सब देख कर मैं तो सदमे में आ गया था क्योंकि मैंने यह नहीं सोचा था कि मेरे साथ भी कभी भी ऐसी कोई घटना हो जाएगी। दोस्तों फिर उसके बाद मैं सीधा अपने घर के लिए निकल गया तभी मुझे एहसास होने लगा कि।चौथे मेंबर के बारे में जिसने मुझे बताया था वह कोई और नहीं बल्कि वह आदमी खुद ही था, जिसने मुझे झोपड़ी में रोका था और फिर वह झोपड़ी और वह आदमी सारी चीजें वहां से गायब हो गए। फिर उसके बाद में अपने घर तो आ गया। मगर मुझे करीब 4 दिन तक तेज बुखार रहा था। जब मैं एकदम ठीक-ठाक हूं और कभी किसी गलत स्थान से गुजरने की हिम्मत नहीं करता तो दोस्तों इस कहानी में बस इतना ही कहानी आपको पसंद आई हो तो वीडियो को लाइक शेयर कमेंट जरूर् कर दें और साथ ही चैनल को भी सब्सक्राइब जरूजरूर्दें तो मैं जल्द ही मिलूंगा। ऐसी एक और डरावनी कहानी के साथ तब तक के लिए बाय एंड टेक केयर

मेरी खौफनाक रात हिंदी डरावनी कहानी

                           मेरी खौफनाक रात हिंदी डरावनी कहानी 






आप देख रहे हैं भूतिया एहसास पूनम के साथ तो चलिए बढ़ते हैं आज की कहानी की और दोस्तों पूरी तरह से रात होने के बाद मेरे मन में यह सवाल खड़ा हो गया था कि मैं इस अमृत नगर से बाहर कैसे निकलु क्योंकि यहां पर काफी ज्यादा सन्नाटा था और ऊपर से आने जाने वाली गाड़ियों की संख्या बहुत ही ज्यादा कम थी। ऐसे में मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि आगे मुझे क्या करना चाहिए और तभी मुझे एक ट्रक अपनी तरफ आते हुए नजर आने लगि। वैसे तो मैं ट्रक के अंदर बैठना नहीं चाहता था। लेकिन मैं इस बात को भलीभांति जानता था कि मैं यहां पर ज्यादा देर तक रुक कर अपना टाइम बर्बाद ही कर सकता हूं और इसके अलावा या तो मुझे यहां से पैदल ही निकलना पड़ेगा या फिर एक उम्मीद लिए बस पूरी रात यहीं पर निकाल दो। इसलिए मैंने सोचा कि हो सकता। यह आखरी ट्रक हो। इसलिए मैंने उस ट्रक के सामने अपना हाथ दिखा दिया वैसे। तो मेरे घरवाले कहते थे कि हमें किसी भी ट्रक के अंदर रात को नहीं बैठना चाहिए क्योंकि अधिकांश ट्रक वाले दारू पीकर ही गाड़ी चलाते हैं और इसलिए मुझे डर लग रहा था। जैसे ही मैंने उस ट्रक वाले के सामने हाथ दिखाया तो उस ट्रक ड्राइवर ने ट्रक को रोक दिया और जैसे ट्रक रुकि तब जाकर मेरी सांस में सांस आए। उसके बाद में भागता हुआ ट्रक ड्राइवर के पास गया तो उसने ट्रक की विंडो को नीचे गिरा दिया। फिर मैंने उस ट्रक ड्राइवर से कहा, अरे भाई साहब मुझे भदौड़ी गांव जाना है तो क्या आप मुझे वहां तक छोड़ दोगे। मेरी बात को सुनकर उसने कुछ खास जवाब नहीं दिया। सिर्फ अपनी गर्दन को हिलाया और मौका पाते ही मैं तुरंत एक ट्रक के अंदर चडगया पर मैं नहीं जानता था कि मैंने सही किया था या फिर गलत लेकिन ट्रक के अंदर बैठने के बाद मुझे थोड़ी-थोड़ी घुटन महसूस हो रही थी, लेकिन उसके बाद ट्रक स्टार्ट हुई और फिर हम वहां से निकल पड़े। ट्रक के अंदर से देखने पर तो।सब कुछ नॉर्मल लग रहा था लेकिन उस ट्रक के अंदर मुझे एक अजीब सी बेचैनी हो रही थी। लेकिन मैंने उस बात के ऊपर इतना ज्यादा ध्यान नहीं दिया और उस ट्रक ड्राइवर की हरकतों को बहुत ही गौर से देखने लगा। फिर कुछ देर तक तो वह ट्रक ड्राइवर करता रहा, लेकिन उसके बाद उसकी हरकतों में बदलाव आना शुरू हो गया था, जिसका मुझे डर था आखिरकार वही हो रहा था। तभी मैंने देखा कि उस ट्रक ड्राइवर की नजरें सामने की बजाय इधर-उधर थी यानी कि वह ट्रक ड्राइवर सामने की तरफ नहीं देख रहा था। पर इसके बावजूद भी ट्रक एकदम सही चल रहि थी और इसी बीच कुछ ऐसा हुआ जिसके बारे में मैंने अपने सपने में भी नहीं सोचा था। दरअसल मैंने देखा कि ट्रक के सामने अचानक कुछ चीज आ गई थी जिसकी वजह से ट्रक एक जोरदार झटका खाकर वहीं पर रुक गयी। ऐसा लग रहा था कि वह चीज ट्रक के नीचे फंस गयि थी।और क्या वो 1 इंच भी आगे नहीं बढ़ पा रहा था। ऐसी स्थिति में उस ट्रक का ड्राइवर जल्दी से ट्रक से नीचे उतरा और उसके बाद ट्रक को देखने लगा। उसने कुछ देर तक तो इधर-उधर देखा। लेकिन उसके बाद भी वह पता नहीं। मेरी आंखों से कहां ओझल हो गया। इस बात का मुझे पता ही नहीं चला और फिर देखते ही देखते कुछ देर के बाद वह मेरे पास आ गया और फिर तभी उसने कहा कि मैं 5 मिनट के अंदर यहां पर वापस आता हूं और तब तक तुम ट्रेक् से नीचे मत उतारना और अगर तुमने ट्रक से नीचे उतरने की हिम्मत की तो फिर तुम्हारी मौत पक्की है। अभी ये सुनते हि मेरी तो हालत पतली पड़ गई। फिर उसके बाद वह अजीब तरह की हरकतें करने वाला ट्रक ड्राइवर ना जाने फिर से कहां पर चला गया। मुझे तो समझ में नहीं आ रहा था कि मैंने इस ट्रक के अंदर बैठकर ऐसी कौन सी गलती कर दी है, जिसकी वजह से मुझे अंजाम भुगतना पड़ रहा था। लगभग 5 मिनट बीत गए और फिर उसके बाद 10 मिनट पर और फिर उसके बाद 15 मिनट गुजर गये। अभी भी उस ट्रक ड्राइवर का नामोनिशान मुझे कहीं भी नजर नहीं आ रहा था। तभी मैंने देखा की सामने की तरफ से सफेद रंग की साड़ी ओढ़े एक महिला ट्रक की तरफ से आ रहि थी उसे अपनी तरफ आता हुआ देखकर मैं फिर से सदमे में आ गया था क्योंकि इतनी रात को कोई महिला इस सड़क पर भला क्या कर सकति थी और उसके बाद वह महिला मेरे इतने करीब आ गई कि मैं उसका चेहरा भी बहुत ही आसानी से देख सकता था। फिर वह महिला मेरे करीब आकर उस ट्रक का दरवाजा खटखटाने लगि और तभी मैंने ट्रक की विंडो को नीचे गिराया और फिर उस महिला से कहा जी कहिए। यहां पर इतनी रात को आप क्या कर रही है। अब यह सुनते हो। उस महिला ने मेरी तरफ़ घूरते हुए कहा। यही सवाल मैं तुमसे पूछना चाहति हु कि तुम इतनी रात को यहां पर क्या कर रहे हो। अब उस महिला की बात सुनकर एक पल के लिए दंग रह गया। लेकिन फिर मैंने उस महिला को बताया कि इस ट्रक का ड्राइवर किसी काम के सिलसिले में बाहर गया है और फिर उसने मुझे 5 मिनट का नाम भी लिया। पर 5 मिनट कब् के बित गए लेकिन वह अभी!नहीं आया अब यह सुनते उस महिला के चेहरे पर एक हंसी से आ गयि और फिर उसने कहा और वह ट्रक ड्राइवर कभी नहीं आएगा। अब इतना कहने के बाद वो और भी जोर जोर से हंसने लगि और उसके हंसने का अंदाज बहुत ही ज्यादा खौफनाक हो गया था। उसके चेहरे को देखकर मेरा पूरा शरीर बुरी तरह से कांप उठा और मेरे तन बदन में आग सी लग गयि थी। उसके बाद को मेरी तरफ बढ़ते बोलि, जितना जल्दी हो सके। इस ट्रक से निकल कर भाग जाओ। वरना आज तो मैं बचाने वाले यहां कोई नहीं आएगा। मुझे समझ में तो नहीं आ रहा था कि इस समय मुझे क्या करना चाहिए। अंत में मैंने ट्रैक से उतर कर यहां से भागने ठीक समझा और मैंने तुरंत ही ट्रक का दरवाजा खोला और फिर जैसी में बाहर निकलने लगा तो मैंने देखा कि वह महिला अब वहां से गायब हो गए थी एक पल में ही उसका वहां से छूमंतर हो जाना। मुझे थोड़ा अजीब सा लगा। लेकिन मुझे उस चीज से कुछ ज्यादा लेना-देना नहीं था और मैं सामने की तरफ पड़ी। सपाट सड़क पर भागने लगा आज तो मेरी। जानी हलक् में आ गई थी। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं अपनी जिंदगी की सबसे तेज दौड़ पूरी करने वाला हूं और तभी मेरे पैर में कुछ चीज अटक गयि। फिर मैं दौड़ते दौड़ते दो फित् हवा में उछल कर नीचे गिर पड़ा ना जाने मेरा पैर किस चीज पर अटक गया था। यह बात तो मुझे भी समझ में नहीं आ रहि थी। अब यहां तक तो सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था और उसके बाद मुझे ऐसा लगा जैसे किसी ने मेरे पैर को पकड़कर अब घसीटना शुरू कर दिया था। पर जैसे मेरी नजर उस चीज पर पड़ी जो मुझे घसीट रहि थी तो उस चीज को देखकर मेरे पसीने छूटने लगे। दर्शल् मैंने देखा कि यह किसी औरत के बालों की चोटी थी जो इतनी लंबी हो गई थी और यह सब देखकर मेरी जान हलक् में आ गयी थी। तभी मुझे एक अजीब सा डर सताने लगा था। मैं इस बात को अच्छी तरह से समझ गया था कि इस वक्त मे किसी पैरानॉर्मल एक्टिविटी के जाल में फस गया हो। वह बालों की चोटी अब लगातार मुझे घसीटति जा रहि थी और फिर कुछ दर के बाद में उसी जगह पर पहुंच गया। जहां पर मैं उस ट्रक से नीचे उतरा था। वह ट्रक वहीं के वहीं खदि थी और उसका ड्राइवर भी इधर उधर भटकते हुए घूम रहा था। अब यह नजारा देखकर मेरी तो पूरी तरह से कांप उति थी इतने मे वो ट्रक ड्राइवर मेरी तरफ आने लगा, लेकिन तभी वह भी सिर्फ जमीन पर नीचे गिरा और उसे भी उस महिला की चोटी ने अपने अंदर जकद् दिया था। अब हम दोनों ही बुरी तरह से फंस गए थे। तभी वो घसीटते हुए हम दोनों के अपने पास ले गयि सुनने में यह भले ही बहुत ही अजीब लगता हो लेकिन उस वक्त मुझे तो ऐसे ही लग रहा था जैसे कि मैं किसी जादूई दुनिया में आ गया हूं। अब उस महिला का रंग-रूप पूरी तरह से बदल गया था। वह पहले के मुकाबले अब बहुत ही ज्यादा भयानक लग रहि थी और उसके हाइट भी अब काफी लंबी हो गई थी। तभी उस ड्राइवर ने समझदारी दिखाई और वह अपनी जेब से लाइट निकाल कर खड़ा हो गया। मुझे समझ में नहीं आ रहा था।कि वो इस लाइटर का क्या करेगा फिर उसके बाद उसने उस लाइटर को जलाया और उन बालों की चोटी के ऊपर उस लेटर को रख दिया। अभी देखकर में एक तरफ बहु चक्कर रह गया था तो दूसरी तरफ मुझे कुछ समझ में भी आ रहा था। दरअसल मैंने देखा कि जैसे लाइटर की आग उस चोटी के बालों के ऊपर जली तो उसके साथ उन बालों की चोटी ने हमारी पकड़ को काफी धिला कर दिया था और हम अब काफी अच्छा महसूस कर सकते थे। लेकिन तभी उस ड्राइवर ने मेरी तरफ इशारा किया और कहा जितना जल्दी हो सके। उस ट्रक के अंदर चले जाओ। वरना आज हम दोनों जिंदा नहीं बचगे। दोस्तों उसकी बात सुनकर मैंने आव देखा न ताव और सीधा भागते हुए उस ट्रक के अंदर चल गया। मेरे साथ साथ अब और ट्रक का ड्राइवर भी उसके अंदर बैठ गया था। तब कहीं जाकर मुझे काफी राहत मिल रही थी। अब मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैंने किसी इंसान को गलत समझा था। फिर उसके बाद उस आदमी ने ट्रक को निकाला और हम दोनों वहां से निकल पड़े वह। रास्ता इतना ज्यादा खौफनाक था कि उस स्थान के हर एक डक पर भूत प्रेत से सामना करना पड़ सकता था। दर्शल् उस् ड्राइवर ने बताया कि उसकी खामोश की यही वजह थी। इतनी देर से इसलिए ही खामोश बैठा हुआ था क्योंकि उसे यह बात अच्छी तरह से मालूम थी कि उसके ऊपर कभी भी कोई काली शक्ति अटैक कर सकती है और मुझे अकेला छोड़कर जाने की वजह यह थी के दर्शल् ट्रक का बोनट बहुत ही ज्यादा गरम हो चुका था। जिस वजह से उस् बोन्ट को ठंडा करने के लिए पानी की जरूरत थी और वह मुझे अकेला ही ट्रक में छोड़कर और इसीलिए वह पानी लाने के लिए मुझे ट्रक में अकेला छोड़कर चला गया था। फिर हम दोनों के बीच में अब अच्छी खासी बातचीत होने लगी थी। ट्रक अपनी अच्छी खासी रफ्तार के साथ वहां से भाग्ति जा रहि थी। फिर मैंने देखा कि ट्रक के पीछे वाले हिस्से में वह महिला उल्टी लत्की हुयी थी जिसका चेहरा कांच में साफ साफ नजर आ रहा था। कांच के अंदर में उसे साफ-साफ देख सकता था। जिस वजह से उसका चेहरा बहुत ही ज्यादा खौफनाक लग रहा।था उसके खून से रंगी हुयी जीभ। अब बहुत ही ज्यादा लम्बी भी हो गयि थी। वह इतनी ज्यादा डरावनी लग रहि थी कि मेरा पूरा का पूरा शरीर बुरी तरह से थर् थर आ रहा था। लेकिन उस वक्त मैंने ट्रक के दरवाजे और ट्रक की विंडो को बंद किया हुआ था तो ऐसी हालत में थोड़ा थोड़ा धैर्य भी मिल रहा था। तभी उस ड्राइवर ने कहा कि उसकी आंखों में मत देखना और चुपचाप सड़क के ऊपर अपनी नजर गदाये रखो। उसकी बात सुनकर मैंने ऐसा ही करने की कोशिश की। लेकिन ना जाने क्यों बार-बार मेरी नजरे उस पर ही जाकर टिक जाती और उस महिला की भयानक रूप को देखकर मेरे दांत भी आपस में टकराने लगते। थोड़ी देर के बाद मैंने देखा कि अब दरवाजे के ऊपर दस्तक होने लगी थी। कोई विंडो के ऊपर अपना हाथ रख कर उसे थपथपा रहा था। मैं समझ गया था। यह उसी का ही काम है और वह हमारे ऊपर पूरी तरह से हावी हो चुकी है। तब तक कुछ ट्रक ड्राइवर ने भी ट्रक स्पीड में भगाना जारी रखा था और उसने बताया कि अब सिर्फ 5 मिनट के बाद हम इस। एरिया से बाहर निकल जाएंगे और फिर उसके बाद हम खतरे से भी बाहर हो जाएंगे। दोस्तों उस आदमी की बात सुनकर मुझे अंदर ही अंदर थोड़ी बहुत राहत मिल रहि थी और फिर देखते ही देखते कुछ देर के बाद हम उस एरिया से बाहर आ गए और उसके साथ ही वहां की सारी चीजें नॉर्मल होने लगि और फिर उसके बाद हम वहां से ठीक ठाक अपनी जगह पर पहुंच गए। दोस्तों कहते हैं। उस सड़क के ऊपर एक महिला तड़प तड़प कर मर गए थी पर किसी भी गाड़ी वाले ने उस महिला की मदद ने कि थी, जिसकी वजह से आज भी उसकी आत्मा वहीं पर भटकती रहती है। लोगों का कहना है कि उसकी आत्मा को मुक्ति नहीं मिली है। कहने को तो दोस्तों हजार कहानी बनाई जा सकती है। लेकिन वास्तविकता क्या है और झूठ क्या है, यह तो कोई नहीं जानता। लेकिन उस रात में इस चीज को अच्छी तरह से समझ चुका था कि हमारी दुनिया में भूत भी होते हैं और उसके बाद में तो अपने घर आ गया। लेकिन वह घटना मेरे दिल और दिमाग में आज भी। मूवी की तरह चलती है लेकिन अब मेरे साथ ऐसा कुछ भी नहीं है। तो दोस्तों इस कहानी में बस इतना है कहानी आपको पसंद आई हो तो वीडियो को लाइक शेयर कमेंट शुरू कर दें तो मैं आपकि दोस्त पूनम जल्दी मिलूंगा। ऐसी एक और डरावनी कहानी के साथ तब


Pubg lettest new update 1.02

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1.हेलो एंड व्हाट्सअप गायिश जैसे आप सभी को pubg के  new update ke बारे  पता चल गया होगा

2.इसके ने अपडेट में नए नए इवेंट आया हे आप सबको इसके नए इवेंट कैसे लगे हे जरूर बताये

 3.इस नए अपडेट में नई गन भी आयी तो आशा करता हु भाइयो आपको ये इवेंट पशंड आया हो गा मुझे तो बहुत पसंद आया



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The 27 year old girlfriends of 67 years old David are also that of mahvish hayat, imran. the close

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Underworld don dawood ibrahim is once again in the discussion. Dawood's new girlfriend came to the fore. It is reported to be a Pakistani actress, also known as' gangster doll '. Which actor name is mahvish hayat


           



Mahvish hyat is being much trolled after David 's name. There has been plot against him, hayat says. They have nothing to do with anyone. Hayat was recently awarded the great civilian honour of Pakistan tagaa-i - imtiaz.


   



According to media reports, mahvish hayat is not the first Pakistani actress named dawood ibrahim. Mahvish is reported to be about 27 years younger than David. David is a big fan of the Pakistan film industry, and that 's awesome. His relations to many large producer and director in Karachi and Lahore

Mahesh bhatt riya chakrabarti relationship

महेश भट्ट और रिया चक्रवर्ती संबंध


Mahesh bhatt riya chakrabarti

Mumbai: cbi squad to probe into into death of sushant singh rajput is in mumbai. Meanwhile the whatsapp chat has been leaked between actress riya chakraborty and filmkar mahesh bhatt on 8th June, which is currently in full touch. As the viral of the chat took place, on twitter the users started fiercely trolling mahesh bhatt. People started saying that a man like them was not worthy of respect. Chat shows that this might be the day on which riya had left her boyfriend sushant's house. This talk on whatsapp also shows that sushant, riya 's father, was not happy with her relationship, and bhatt advised her to get away from it.



The name of riya chakravarti and mahesh bhatt has become quite prominent in the case of sushant singh rajput. Among all this a video with mahesh bhatt's jiya khan is going viral. In the video mahesh bhatt, jiya khan is holding hands with a glance. Though the voice in the video is not clier. As well as not being able to know when the video is of. Users targeting mahesh bhatt after this video has been viral

यहा पर चाय पीना मना है

                              Horror story hindi                          आप देख रहे है भूतिया ऐहसास पूनम के साथ तो चलिए बढ़ते है आज की काहनी...

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